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    “गृप ओफ ट्वेन्टी- G-20”

    गृप ऑफ़ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    जी20 के उद्देश्य हैं: क) वैश्विक आर्थिक स्थिरता, सतत विकास हासिल करने के लिए इसके सदस्यों के बीच नीतिगत समन्वय ; बी) वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना जो जोखिमों को कम करते हैं और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकते हैं; और ग) एक नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तैयार करना।
    G20 के सदस्य
    ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
    जी20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है।यह यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है।जी20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं ,और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा करते हैं।
    हाल ही में G-20 के 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की गई जिसे इंडोनेशिया की अध्यक्षता में बाली में ‘रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर’ विषय के तहत आयोजित किया गया। अब भारत ने G-20 की अध्यक्षता का प्रभार संभाल लिया है और 18वाँ शिखर सम्मेलन 2023 में भारत में आयोजित किया जाएगा।
    वसुधैव कुटुम्बकम’ होगा भारत के G20 समिट का थीम।
    पीएम मोदी ने इसी के साथ कहा कि बाली में हस्तांतरित होने वाली जी20 की अध्यक्षता एक गौरव का क्षण होगा। उन्होंने इसी के साथ कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक धरती एक परिवार एक भविष्य’ थीम पर ही भारत में G20 सम्मेलन आयोजित होगा।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के नेताओं को उपहार देने के लिए गुजरात की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाली कलाकृतियां और पारंपरिक वस्तुओं का चयन किया। इसके जरिये गुजरात की लोककला का प्रचार पूरी दुनिया में किया। इसे गुजरात विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
    जर्मनी और सिंगापुर के नेताओं को गोमेद के प्याले दिए
    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर के नेताओं को उपहार में ‘एगेट’ (गोमेद) के प्याले दिए, जो गुजरात के कच्छ क्षेत्र से जुड़े पारंपरिक शिल्प का काम है। प्रधानमंत्री ने दुनिया के नेताओं को उपहार देने की प्रथा का उपयोग भारत के समृद्ध और प्राचीन कलाकृति व शिल्प को देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी वस्तुओं के साथ प्रस्तुत करने के लिए किया है। जो बाइडन को कांगड़ा की मिनियेचर पेंटिंग भेंट की।
    वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कांगड़ा के लघु चित्रों (मिनियेचर पेंटिंग) भेंट की, जो ‘श्रृंगार रस’ को दर्शाती हैं। उन्होंने इस बार उन्होंने तोहफों के तौर पर देने के लिये हिमाचल प्रदेश और गुजरात के परंपरागत काम को चुना।
    भारत ने मेजबान देश इंडोनेशिया के शीर्ष नेता को सूरत के कलाकारों द्वारा बनाया गया ।चांदी का कटोरा और किन्नौर के कारीगरों द्वारा बनाई गई शाल भेंट की।
    जी-२० के स्लोगन हैं-
    १-“एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य ।”
    २-“ वसुधैव कुटुंबकम”
    ३-“ चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो या सतत विकास- भारत के पास चुनौतियों से संबंधित समाधान है ।”
    ४-“वैश्विक भलाई और वैश्विक कल्याण ही जी-२० का मूल उद्देश्य है ।“
    ५-“भारत की संस्कृति और सामर्थ्य से, भारत की समाज शक्ति से विश्व को परिचित करा के,भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति की बौद्धिकता और उसमें समाहित आधुनिकता से विश्व का ज्ञान वर्धन करना ।”

    • डॉ दक्षा जोशी,
      अहमदाबाद, गुजरात ।

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